THEMES

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Monday, July 30, 2012

अभिनेता बहुत हुए, थोड़े नेता भी चुन लो

हे यमदेव ! विनम्र प्रार्थना हमरी ये सुन लो
अभिनेता बहुत हुए, अब थोड़े नेता भी चुन लो

मृत्यु इन्हें देने का एक अभियान चलाओ
पहले पहल सारे भ्रस्टाचारियों को बुलाओ
दुसरे चरण में दलबदलू-मौकापरस्त ले जाओ
तीसरे चरण में जातिवादीयों की हो बारी
अंत में जीवन-मुक्त करो, सब मजहबी-चोलाधारी
हो सकता है बढ़ जाए संख्या तुम्हारे डेरे में
उपाय एक ये भी है कुछ को दे दो बिमारी

एक सहायता तुम्हारी बस, अदभुत परिवर्तन लायेगी
न्यायालय बस न्याय करेंगे, पुलिस जन सुरक्षा में लग जायेगी ,
ना अनशन, ना विरोध होंगे, सरकारें कानून बनायेगी
बाकि जो बचें हैं निस्चर, उन्हें मेरी अगली प्रार्थना बताएगी

हे यमदेव ! विनम्र प्रार्थना हमरी ये सुन लो
अभिनेता बहुत हुए, अब थोड़े नेता भी चुन लो



Theme Suggested by: Ms. Ila Niyant Pandya Ma'am (Visiting Faculty, Faculty of Social Work, Maharaja Sayajrao University, Vadodara). Mrs. Pandya is a Life student, a teacher, guide, mentor and a superb friend. Also she has been the most regular reader of my creations. Writing  attempt on a theme by her was a pleasant experience n feel.     

Sunday, July 8, 2012

एक चेहरे में कई चेहरे छुपाते हैं लोग ...


















कहते-कहते ही संभल जाते हैं लोग
पलक झपकते ही बदल जाते हैं लोग

कितना आसान है झूठ कहना-सुनना
पकडे जाने पे, सकपकाते हैं लोग

स्वार्थी ये दुनिया, रिश्ते-नाते समाज
अचानक ही अपनापन जताते हैं लोग

बेवकूफ पैदा ही नहीं होते अब जहाँ मैं
चालाकी खून में ही अब पाते हैं लोग

कौन सच्चा, कौन झूठा, समझे कोई कैसे
एक चेहरे में कई चेहरे छुपाते  हैं लोग

होड़ लगी है सबमें कुछ कर दिखाने की
इसीमें रास्ता थोडा सा भटक जाते हैं लोग

एक खोज ही होगा मनुष्य को समझना
इन्ही कोशिशों में आते, चले जातें हैं लोग...

Wednesday, July 4, 2012

गिरते हौसलों को संभाला है बहुत...


















गिरते हौसलों को संभाला है बहुत
अंधेरों में भी कहीं उजाला है बहुत
रूठे ज़िन्दगी से, हालातों से अक्सर 
आंसुओं को बहने से, टाला है बहुत

रंगीली दुनिया  क्या खूब लोग हैं 
गोरे चेहरों में मन, काला है बहुत 
चाह कर भी ना समझ पाए इनको 
हर एक इन्सां यहाँ निराला है बहुत 

सपने देखते हैं, देखना जरुरी है 
इरादों में पर भरा अटाला है बहुत 
चुनौतियाँ आती रही, जाती रही 
सबसे लड़ने को खद को, ढाला है बहुत  

गिरते हौसलों को संभाला है बहुत...

Image Courtesy: Mr. Jinit Soni
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