दिल चाहता है
पर चाहने से क्या होता है ?अकेलापन कोई आदत नहीं होती
पर हर मोड़ अकेला होता है......
हम कह भी दें की मौसम है आशिकाना
पर भला कहने से, कहाँ होता है ?
ये इश्क एक बीमारी, हर कोई है रोगी
इन रोगों का कहाँ इलाज़ होता है ?
कहीं हंसी है इसमें, तो कहीं नमी सी है
कुछ कहते है फैसला, तकदीरों से होता है
दिल चाहता है
पर चाहने से क्या होता है...?
8 comments:
बहुत सुंदर पंक्तियाँ .अच्छी प्रस्तुति,,,,बधाई
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चाहने से तो नहीं होता पर चाहने से कोशिश की जा सकती है ...सुंदर प्रस्तुति
बहुत खूब
loved it...awesomely written...:)
Bhai Ekdam jordar ur such bat btai he,
सच्चे दिल से चाहो, देखो क्या से क्या होता है =D
Cheers,
Blasphemous Aesthete
Everything is not in our hands, but dil to dil hai,,
chahne se kya hota hai, ye lines maiko acha laga bahut,..:)
सही बोला आपने
चाहने से क्या होता है ...
सुंदर रचना !!
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