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Saturday, February 4, 2012

सर्द-जुकाम....An Ode to Cold n Cough





ठण्ड का प्रकोप कुछ इस तरह से बढ़ रहा
हर किसी का कमबख्त नाक है बह रहा 
जुकाम ने धीरे- धीरे रफ़्तार बढाई है 
अ आं....छी, आं....छी, करते सामत आई है 


शुरू  शुरू में बहता था बस 
अब वन-वे ट्राफिक बंध हूवा 
कफ का जमावड़ा सीनों में 
बुलंद हूवा, प्रचंड हूवा 


डॉक्टर बने लेकर खुद ही 
बाजारी चंद दवाएं 
कमबख्त हालत और बिगड़ी 
गला भी अब बंध हूवा 


की सांसें ले रहे मूह से 
गाढ़ा पीला कफ बनता है 
हर रोज किलो- दो किलो 
प्रोडकशन निकलता है 


की घरेलु इलाज़ भी आजमाए 
पिये अदरकी चाय व् काढ़े 
गला खोलने को न जाने
किये कितने गरारे 


तभी किसी ने कहा 
चादर ओढ़ भाप भी ले लो 
हमने कहा भाई बस जिन्दा हैं 
चाहो तो जान ही ले लो 


रोजाना मानव ये बदतमीज़ बीमारी 
झेल रहा, बस सह रहा 
हर  किसी को सर्द-जुकाम लगी है; 
हर किसी का कमबख्त नाक है बह रहा....  



A complete different theme suggested by : Ms.Meghna Bhatt

13 comments:

meghna said...

thanks..u have perfectly captured the sense..u made my weekend. :)
keep rocking

Akhil said...

ha.ha..sahi kahaa sir..sabhi pareshan hain..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

प्रकाश जी, लगता है आप सर्द-जुकाम से पीड़ित थे तभी तो इतने दिनों से हम लोगों से दूर थे,
सुंदर प्रस्तुती,आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,..... .

MY NEW POST ...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...

Dr.NISHA MAHARANA said...

अरे वाह सर्दी को भी नही छोडा कविता बना दी।बहुत अच्छा।

मेरा मन पंछी सा said...

प्रकाश जी ये कविता भी बहूत खूब है ,
सर्दी से बहते नाक ,,सर्दी पर ऐसी कविता पहली बार देख रही हु...
पर ये अंदाज भी अच्छा लगा ..

Ruchi Jain said...

haha, U wrote so unique, i never thought ki aise topic pe bhi koi likh sakta itne acche se..:P:)

दिगम्बर नासवा said...

भाई वाह ... सर्दी जुखाम का हास्य भजी लाजवाब रहा ... मज़ा आ गया पढ़ के ..

Pratiksha said...

Lol.. Mast

Keyur said...

आप के विचारो को सलाम करते हैं ................

Mini said...

sufferers.............. ;)

Rashmi Fadnis said...

ha ha good one..enjoyed reading !!

Monika Jain said...

hahaha.....sardi jukam se peedit ka dukh rochak tareeke se pesh kiya...:)

Unknown said...

आप और आप की लेखनी का संग इस कविता में बहोत खूब जमा हैं !

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