नज़र बदली, नज़रिये बदले,
नजारा भी बदलेगा
दिन आज नहीं तो कल,
हमारा- आपका भी बदलेगा
दुःख-पीडा, परेशानी-संकट
सारा ताल जायेगा
बुद्धि-श्रम, दृढ हौसलों के आगे,
समय पलट ही जायेगा
प्रेम-धैर्य, विश्वास-लगन से
अरमानों के बादल बरसेंगे,
सुख ही सुख छा जायेगा
अदा बदलेगी, अंदाज़ बदलेगा,
लोगो का हमारे प्रति मिजाज़ बदलेगा
आज जो कोई रखता है दूरी,
कल आस पास टहलेगा.
नज़र बदली, नज़रिये बदले, नजारा बदलेगा ...

7 comments:
वाह!!!!!!!प्रकाश जी,बहुत खूब,बहुत सुंदर रचना,
निश्चित ही समय बदलेगा,तो नजारा अपने आप ही
बदल जाएगा,.....
ऐसे बदलाव का हम सबको इन्तजार है प्रकाश जी !
बहुत सुन्दर रचना !
आज जो कोई रखता है दूरी..
कल आस पास टहलेगा..
वाह!!
बहुत खूब कहा..
नज़र ही तो नहीं बदलती ... अच्छी प्रस्तुति
आज जो कोई रखता है दुरी
कल आस पास टहलेगा:-)
ऐसा हो जाये तो क्या बात है
बेहतरीन रचना....
Badlav to nishchit hi hai .. Sab kuch badal raha hai pal pal ...
aashavadi sundar rachna
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