
जीभ ये कमीनी बड़ी
हरदम लार टपकाए
स्वाद इतने चखे अभी तक
फिर भी मन ललचाये
धन्य हुवे भारत में जन्मे
क्या खूब पकवान है पाये
हम जीते है खाने के लिए
जीनें को कौन है खाए
अमाके खूब भालो लागे
रोसोगोल्ला, रबड़ी, सोंदेश
बंगाल की झाल मुड़ी
हर मिस्ठी परिवेश
आगे बढे चले उत्तर में
भोरे खाएं लिटी-चोखा
शाम हुई तब सतुवा-प्याज
लागे बड़ा अनोखा
जलेबी, इमरती समोसा, कचोरी
गरमा-गरम सब्जी-पूरी...
आगरे का पेठा, मथुरा के पेड़ा
लौंग-लत्ता रह गइल तिकोना टेढ़ा मेढ़ा
चटपटी दिल्ली रह गई हमशे थोड़ी दूर
पंजाबी खाना चख ले, बड़ा मशहूर
मक्के दी रोटी बीच सरसों दा साग
ऊपर से गलास भर लस्सी, भरपूर मलाई झाग
दाल मखनी, छोले भठूरे, तंदूरी नान
खवैयों को एथे आ जांदी है जान
ओ म्हारे राजस्थान री कांई बताऊ बात
सब्स्यु अदभूत, अनोखो अठे रो अंदाज़
शुरू करां दाल बाटी और साथ में है चूरमों
खावे बैठ सब साथ, कोई बाणियो, कोई शूरमो
घेवर, फीणी, काजू कतली
लाडू मोती चूर रा
गट्टे री सब्जी चोखी घणी
तरह-तरह रा है रोटला
के हालो जइए गुजरात हवे
सुरती खमण, इदडा ने लोचो
खावे बधा तेल रेडी ने
मजेदार, पोचो-पोचो
वड़ोदरा नु सेव-उसड, भाखर-वडी,
ने टम-टम, लीलो चेवड़ो...
दाल वडा, भजिया ने ऊपर गरम चाह
खाधा पछी बस एक शब्द..... भई वाह !
मराठी मानुस मी, खातो पूरणपोली
मिसळ पाव, कांदे-पोहे, अणि करंजी
वडा-पाव आमची डीश फेमस
जम्मू हो का पणजी
दक्षिण में पहुंचे हैदराबाद ये नगरी
बिरयानी ऐसी किधर को भी नहीं मिलती
नान वेज-उ खाते उन लोगां की इधर तबीयतां बनती
कराची बेकरी के बिस्कुट बरसां से सब-उ खा रहे
जीतते भी लोगां आ रहे, सभीज लेके जा रहे
इडली- वडा-डोसा, अउर चटनी-सांभर
मार्निंग-एवेनिंग-उ होता-इज-होता
भात यहाँ कहलाता है, असली खाना
रसम, खट्टा भात को कैसे भूल मैं जाना
पूरब से पश्चिम हूवा
उत्तर से दक्षिण
फिर भी कितना कुछ रह गया
याद आये है गिन-गिन
फिर कभी आजमायेंगे बाकि अभी दीजिये अवकाश
ये था अभी तक का "जायका-ए-प्रकाश"
शब्दार्थ:
भालो लागे- अच्छा लगता है, भोरे- सुबह-सुबह, रह गइल- रह गया, म्हारे - मेरे, री- की, कांई- क्या, सब्स्यु- सबसे, अठे रो- यहाँ का, शुरू करां- शुरू करें, बाणियो- बनिया, शूरमो- शूरमा (योद्धा), चोखी घणी- बढ़िया बहुत, तरह-तरह रा- तरह तरह के, के हालो जइए- तो चलो चलें, हवे- अब, बधा- सब, तेल रेडी ने- तेल दाल कर, खाधा पछी- खाने के बाद, फेमस आहे- प्रसिद्ध है,
नोट: भारत के अलग अलग प्रांत की अलग-अलग भाषाओँ का उपयोग किया है,...इत्तेफाक से मराठी को छोड़ उपयुक्त सभी भाषाएँ कुछ हद तक जानता हूँ....मराठी शुद्धता से पेश करने में मदद के लिए मित्र निधी तेरे का आभारी हूँ....