ज़िन्दगी के पन्नें
बिखरे-बिखरे से
हर पन्नों की एक अपनी कहानी है
कुछ सम्पूर्ण लिखावट से,
स्वच्छ भरे हैं
सुखद अनुभवों से,
संस्मरणों से,
बातों से, मुलाकातों से,
उनसे जुड़े जज्बातों से
इन पन्नो को बार-बार पढने का
जी लेने का मनं करता है
कुछ ऐसे पन्ने की जो शुरू हुवे
और बस
आगे कुछ लिखा ही नहीं गया
जो कुछ भी लिखा गया, थोडा सा
अस्पस्ट है,
काटा- पिटीओं से ओत-प्रोत है
मानों कोई मना कर रहा हो उन्हें पढने को
ये वो पन्नें हैं जो रह गए
अधूरे
कुछ जाने, तो कुछ अनजानें में
शायद अगले पन्नों तक पहुँचने को
इनका अधुरा रहना, छूट जाना
उचित था, जरूरी था
कुछ पन्नें भीगे से हैं
सूखने का नाम ही नहीं लेते
जिन पर लिखने की इच्छा भी थी,
तैयारी भी,
पर समय ने लिखने ना दिया
अपनी क्रूरता से
इन पन्नों का भीनापन,
आज भी भिगो देता है मन को
एक कमी सी लगती है
इनके ना लिखे जाने के कारण
कुछ पन्ने ऐसे भी हैं जो
खाली- रिक्त पड़े हैं अभी तक
शायद, इनपर लिखा जाना बाकी है
शायद लेखनी में, जीवन में
इनपर लिखने का सामर्थ्य आना बाकी है
इन पन्नों की रिक्तता,
जीवन के खालीपन से,
अधूरेपन से
काफी मिलती-जुलती है
इतिहास, वर्तमान और भविष्य,
इन्ही बिखरे पन्नों में था, है और आना है
बड़े अजीब से हैं
ये ज़िन्दगी के पन्ने...
Image Courtesy: Mr.Jinit Soni & Google Images
21 comments:
सच कहा …………ज़िन्दगी के हर पन्ने पर कुछ लिखा हो कोई जरूरी तो नही………सुन्दर भावाव्यक्ति।
One word to say its just MARVELOUS.......... कुछ पन्ने भीगे से सूखने का नाम नहीं लेते .... वाह वाह वाह .......those who know you personally can understand d feeling behind........
कुछ पन्ने ऐसे भी हैं.......आना बाकी है
बहुत ही अच्छी पंक्तियाँ हैं।
सादर
ज़िन्दगी के पन्ने खूब उतारे हैं कविता में...!
जिन्दगी के पन्नो से कविता तक ये सफ़र बहुत ही खुबसूरत रहा.....
गहरे भाव।
शब्दों का बेहतर इस्तेमाल।
सुँदर भाव, सुँदर शब्द और सुन्दरतम कविता .
ek alag andaz, ek alage likhawat. khubsurat varnan, sundar panktiya....Amazing...
True boss, Really good one
kya baat he prakashbhai, bahut khoob. espicaiily bhige and khlai panne- mahobat ki khushboo aa rahi he. bahut khoob.
ये पन्ने चिर परिचित लगे
i loved it...that's really very emotional....aur "khalo panno pe likhana baki he"....jaroor thi jaldi lakhai jase.......
Khubsurat...... Ati Uttam
yh jivan ke khali panane kabhi ham khud likhte hain to kabhi vidhaata .... yahi zindagi ka sab se bada sach hai .....
प्रकाश जी, कुछ पन्ने ऐसे है.....आना बाकी है'''
सुंदर पन्तियो के साथ लिखी खुबशुरत बढ़िया पोस्ट ...
मेरे नये पोस्ट में स्वागत है...
आपने ज़िन्दगी पर बहुत अच्हे विचार व्यक्त किये है |
मेने अभी ज़िन्दगी पर एक कविता लिखी थी कुछ दिन पहले
वो याद आगई |
http://ruchichunk.blogspot.com/2011/06/blog-post.html
इन्ही जिंदगी के पन्नों को जीते जेते जीवन भी बात जाता है ... खूबसूरत नज़्म ...
Boss Jordar....."Kuchh aise panne jo kabhi gusse ke karan ek se do ho gaye"......aavu kaik lakhvanu kadach jo bane to..gussa ma apne kyarek kagal fadi nakkhiye bcz saru k na gamtu lakhan hoy mate......baki mast chhe..ekdam tara jevu....
Nice one yaar.... you're improving day-by-day.... Wish I could also write something but lost that intellect somewhere..... :(
good comparison between life and pages of a notebook to come up with the concept of pages of life ... even my blog has been titled 68pagesofmylife...keep up good writing
adbhut rachna hai...!!!abhinandan..**!!!
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