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Friday, July 8, 2011

वक़्त कमबख्त है...

वक़्त सख्त है, वक़्त कमबख्त है 
इस के होते हुए
संघर्ष-मुश्किलों का साया है
और बीत जाने पर 
यादें, सब अस्त-व्यस्त है  
वक़्त सख्त है, वक़्त कमबख्त है

इससे जुड़े हैं सपनें-आशाएँ
इससे ह़ी जुडी है स्नेह व् संवेदना 
इसी में है मिलन, इसी में जुदाई 
इसमें अश्कों का समंदर है
हालात खस्त है 
वक़्त सख्त है, वक़्त कमबख्त है

कभी शब्द हैं लाखों 
इससे करने को बयां 
तो कभी बस बेजुबां, निशब्द है 
वक़्त सख्त है, वक़्त कमबख्त है

13 comments:

Anonymous said...

Suits ma current situation..... Mast hai..Mast hai...Mast hai... Regards, Meenakshi (Mini).

ila pandya said...

THOUGHT PROVOKING....!!YE EK VAKTA HI TO HAI JISE HUM KAID KARNA CHAHTE HAI,,,!!AGAR ISE HUM CHUNAUTI DE..TO HUM USSE UPAR UTH SAKTE HAI...:-))

Unknown said...

वक़्त है भाई वक़्त है..
वक़्त से बड़ा कोई भी तो नहीं..
किसकी मजाल जो आँखें दिखाए वक़्त को
जनता है वक़्त भी
इसीलिए तो वक़्त.. बड़ा सख्त है, कमबख्त है...

बहुत ही अच्छी रचना.. बधाई प्रकाश जी...

संजय भास्‍कर said...

वाह !! एक अलग अंदाज़ कि रचना ....बहुत खूब....प्रकाश जी

Nidhi said...

बिलकुल दुरुस्त फरमाया....वक्त बड़ा कमबख्त है.

***Punam*** said...

वक़्त गर कमबख्त है तो...

ये भी वक़्त वक़्त की बात है !!

यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) said...

कल 26/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Arun sathi said...

साधु-साधु

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाकयी वक्त सख्त है ..कमबख्त है ..अच्छी प्रस्तुति

सदा said...

वाह ...बहुत खूब ।

vandan gupta said...

्वक्त सिर्फ़ वक्त है।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह! बहुत खूब । बढ़िया राचना....
सादर बधाई...

पंछी said...

aur vakt hi sabse balwaan bhi ... nice one :)

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