THEMES
Tuesday, May 18, 2010
जब वो कहीं ...
जब वो कहीं निश्चिंत सो रहे होंगे
हम यहाँ उन्ही के सपनो में खो रहे होंगे
उन्होंने करवटें बदली होंगी
दृश्य हमारे यहाँ बदल रहे होंगे
कि कसकर तकिये को गले लगाया होगा
हमने यहाँ उनका आलिंगन पाया होगा
चद्दर को खींचकर बदन पे फैलाया होगा
हमने खुद को उनके और भी करीब पाया होगा
सिकुड़कर धीरे से एक आह कि होगी
हमने हर सांस यहाँ उनपर फ़ना कि होगी
पुरा कमरा उनके तेज से चमक रहा होगा
मायूस दिल मेरा अंधेरों में धड़क रहा होगा
कि बिस्तर अपने नसीब पर इतरा रहा होगा
घर का हर एक कोना हमें खा रहा होगा
महक उनकी ले फिजा खिल रही होगी
यहाँ अरमानों कि आंधियाँ चल रही होगी
कि रातें उनकी भी कभी तो तनहा होगी
हमारी तो बस यही तमन्ना होगी
कि सपने कभी उनके भी होंगे हमारे जैसे
'प्रकाश' क्या खूब वो सुहानी रात होगी ?
-
प्रकाश जैन
१५.७.१०
4 comments:
Oye hoye............. Romantic Cool Cool Nite mein woh humare saath hogi............n rest is mentioned in poetry............feel it..............enjoy it.................Prakash Rocks....
Wahhh.. Kya baat Kya baat Kya baat...
Heads of u brother!!
SIMPLY MARVELLOUS...
fantastic...
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