कभी कभी...
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
आखिर क्यूँ? सबको ये प्यार हो जाता है ?
कभी सोचता हूँ की ये है सिर्फ एक आकर्षण
लेकिन फिर क्यूँ ये इतना सताता है?
कभी कभी ...........
मनुष्य हो,देवता हो या हो राक्षस
अरे ! ये तो पशुओं में भी पाया जाता है
कभी कभी .........
कभी सोचता हूँ कि ये है सिर्फ एक लगाव, या एक रोग
तो फिर क्यूँ ये हर एक को हो जाता है
कभी कभी...........
कभी सोचता हूँ ये है एक आस्था, एक विश्वास
पर कुछ को तो ये कईयों से हो जाता है
कभी कभी.........
कभी सोचता हूँ कि ये है सिर्फ एक सुखद आलिंगन
जिसके विचार-मात्र से मनो एक ज्वालामुखी फट जाता है
कभी कभी..........
कभी सोचता हूँ कि ये है हर जीव में व्याप्त
तो फिर क्यूँ ये इतनी सारी समस्याओं को बढाता है
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
आखिर क्यूँ? सबको ये प्यार हो जाता है?????
-प्रकाश जैन
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
आखिर क्यूँ? सबको ये प्यार हो जाता है ?
कभी सोचता हूँ की ये है सिर्फ एक आकर्षण
लेकिन फिर क्यूँ ये इतना सताता है?
कभी कभी ...........
मनुष्य हो,देवता हो या हो राक्षस
अरे ! ये तो पशुओं में भी पाया जाता है
कभी कभी .........
कभी सोचता हूँ कि ये है सिर्फ एक लगाव, या एक रोग
तो फिर क्यूँ ये हर एक को हो जाता है
कभी कभी...........
कभी सोचता हूँ ये है एक आस्था, एक विश्वास
पर कुछ को तो ये कईयों से हो जाता है
कभी कभी.........
कभी सोचता हूँ कि ये है सिर्फ एक सुखद आलिंगन
जिसके विचार-मात्र से मनो एक ज्वालामुखी फट जाता है
कभी कभी..........
कभी सोचता हूँ कि ये है हर जीव में व्याप्त
तो फिर क्यूँ ये इतनी सारी समस्याओं को बढाता है
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
आखिर क्यूँ? सबको ये प्यार हो जाता है?????
-प्रकाश जैन
3 comments:
कभी कभी...
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
आखिर क्यूँ? सबको ये प्यार हो जाता है ?
प्रकाशजी आप बहुत ही अच्छा लिखते है। शुभकामनाऐ।
विशेष आप जैन है मै भी जैन हू- मेरी इच्छा है कि हम सभी मिलकर कुछ जैन धर्म समाज के प्रचार-प्रसार मे कार्य करे। आपकि इच्छा से अवगत कराऐ
http://mybloghindi.blogspot.com/
bhai awesome work seriously mast che..... majai(pratik joshi)
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