लो फिर एक बार आ गए चुनाव
वही भाषण, वही वादे, आएगा बदलाव
गरीवी हम मिटा देंगे, मंदिर हम बनवा देंगे,
और कुछ ना हुवा तो, आरक्षण ही दिलवा देंगे
हमे वोट दो, हम एक नया भारत बनायेंगे
साठ साल में नहीं हुआ, वो अब कर के दिखलायेंगे
हर पार्टी का अपना दूल्हा, सबकी अपनी बारातें
जनता के पैसे फूंके , जैसे मिली खैरातें
अभिनेता, खिलाडी सभी समर्थन को आगे आयेंगे
तो कुछ अपना भाग्य आजमाने पार्टी में घुस जायेंगे
खुद को नहीं संभाल सकते , वो देश को संभालेंगे
देश गया भाड़ में, अपना नोट-बैंक बना लेंगे
फिर जन-जागृति कार्यक्रम होंगे, इक नयी पहल सी छायेगी
वोट कीजिये, अच्छा नेता चुनिए, ये आवाजें आयेगी
मत-गिनती में घपले होंगे, कहीं होंगे पुनः चुनाव
बिना पक्ष के नेताओं के, खुल्ले-आम लंगेगे भाव
फिर मिलीजुली सरकार बनेगी, मंत्रालय बँट जायेंगे
मिलबाँट कर देश को लूटेंगे, मिलबाँट कर ही खाएँगे
फिर हम अपनी कलम से अपना व्यंग बताएँगे
आशा रखता हूँ, क्या है करना, आप खुद ही समझ जाएँगे...!
-प्रकाश जैन
ली: १५.०४.२००९
वही भाषण, वही वादे, आएगा बदलाव
गरीवी हम मिटा देंगे, मंदिर हम बनवा देंगे,
और कुछ ना हुवा तो, आरक्षण ही दिलवा देंगे
हमे वोट दो, हम एक नया भारत बनायेंगे
साठ साल में नहीं हुआ, वो अब कर के दिखलायेंगे
हर पार्टी का अपना दूल्हा, सबकी अपनी बारातें
जनता के पैसे फूंके , जैसे मिली खैरातें
अभिनेता, खिलाडी सभी समर्थन को आगे आयेंगे
तो कुछ अपना भाग्य आजमाने पार्टी में घुस जायेंगे
खुद को नहीं संभाल सकते , वो देश को संभालेंगे
देश गया भाड़ में, अपना नोट-बैंक बना लेंगे
फिर जन-जागृति कार्यक्रम होंगे, इक नयी पहल सी छायेगी
वोट कीजिये, अच्छा नेता चुनिए, ये आवाजें आयेगी
मत-गिनती में घपले होंगे, कहीं होंगे पुनः चुनाव
बिना पक्ष के नेताओं के, खुल्ले-आम लंगेगे भाव
फिर मिलीजुली सरकार बनेगी, मंत्रालय बँट जायेंगे
मिलबाँट कर देश को लूटेंगे, मिलबाँट कर ही खाएँगे
फिर हम अपनी कलम से अपना व्यंग बताएँगे
आशा रखता हूँ, क्या है करना, आप खुद ही समझ जाएँगे...!
-प्रकाश जैन
ली: १५.०४.२००९
1 comments:
कल 04/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
Post a Comment
Your comments/remarks and suggestions are Welcome...
Thanks for the visit :-)